औद्योगिक नगरी कानपुर से मात्र 22 किमी की दूरी पर, कानपुर-कन्नौज मार्ग पर मार्ग पर, शांत व सुंदर बिठूर नगरी स्थित है |कानपुर शहर की व्यस्त भीड़, कोलाहल से दूर बिठूर धार्मिक व ऐतिहासिक महत्त्व से प्लावित शांत स्थली उपलब्ध कराता है |
पवित्र गंगा के किनारों पर स्थित, बिठूर देश के प्राचीन इतिहास से जोड़ता है | वास्तव में, इसका गौरवपूर्ण इतिहास किवंदतियों व दंतकथाओं से परिपूर्ण है | एक हिन्दू किवदंती के अनुसार ब्रह्मांड के विध्वंस के बाद तथा भगवान विष्णु द्वारा आकाशगंगा के निर्माण के पश्चात भगवान ब्रह्मा द्वारा बिठूर को विश्राम हेतु चुना गया था |
संयोगवश, बिठूर वह मार्मिक स्थली भी है जहां भगवान राम द्वारा सीता माता को वन में जीवन यापन हेतु छोड़ दिया गया था | यह वह स्थली भी है जहां ऋषि वाल्मीकि ने तप किया तथा बाद में कालजयी महाकाव्य “रामायण” की रचना की | साथ ही साथ यह क्षेत्र उस शुभ क्षेत्र के रूप में भी प्रसिद्ध है जहा भगवान राम के जुड़वां पुत्रों लव और कुश ने जन्म लिया था | यह माना जाता है कि संत वाल्मीकि के निर्देशन में जुड़वां बच्चों ने अपना शैशवकाल व्यतीत किया तथा यहीं वे युद्ध कला, राजनीति में पारंगत हुए तथा अंत में यही वह स्थली है जहां दोनों पुत्रों का अपने पिता से शुभ मिलन हुआ |संभवता यही कारण है कि इस स्थान को “रामाले” नाम से भी जाना जाता है |
बिठूर को ही वह स्थली माना जाता है जहां बालक ध्रुव का जन्म हुआ (जो आगे चल कर एक महान संत हुए, आकाश मे ध्रुव तारे की तरह प्रकाशमान हुए) उन्होनें कठोर तप किया तथा उन्हें ब्रह्म के दर्शन सुलभ हुए |
हाल ही के समय में, बिठूर की धरती ने कुछ ऐसे ऐतिहासिक रत्नों को जन्म दिया यथा रानी लक्ष्मी बाई, नाना साहेब पेशवा जिन्होने देश के स्वाधीनता संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई |ये अमर योद्धा देशभक्ति, साहस तथा राष्ट्र गर्व से ओतप्रोत थे जो असंख्य पीढ़ियों तक सम्मान सहित याद रखे जाएंगे | यहाँ उन्होने अपना बाल्यकाल व्यतीत किया तथा युद्धकला के प्रारम्भिक गुर सीखे, इसकी पृष्ठभूमि में ही 1857 के महान विद्रोह की प्रथम चिंगारियाँ फूटी थीं |
बिठूर केवल इतिहास की महान घटनाओं से ही अवगत नहीं कराता बल्कि यह वह स्थान भी है जहां प्रकृति के सौन्दर्य का विभिन्न रूपों में आनंद लिया जा सकता है यथा नौका विहार द्वारा या धार्मिक व ऐतिहासिक मंदिरों के बीच जाने मात्र से ही |
- क्षेत्रफल: 05 वर्ग किमी
- जनसंख्या: 9647 (2001 जनगणना)
- ऊंचाई: समुद्र तल से126 मीटर
- भ्रमण का सर्वोत्तम समय – अक्तूबर – मार्च
- वस्त्र – गर्मियों में सूती वस्त्र तथा सर्दियों में ऊनी वस्त्र
- परिवहन: टैंपो/रिक्शा/तांगा/सिटी बस
- भाषा : हिन्दी
- मुख्य पर्व : कार्तिक पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा , मकर संक्रांति, बिठूर महोत्सव
- एस टी डी : 0512
वाल्मीकि आश्रम
हिन्दू धर्म तथा इसकी असंख्य पौराणिकताओं में से कुछ अति सार्थक पौराणिकताएँ यहीं रचित मानी जाती हैं,वनस्थली होने व भगवान राम द्वारा सीता माता को यहाँ छोड़े जाने के कारण यह उनका मिलन स्थल भी है, लव व कुश का जन्म स्थान है तथा यही वह स्थल है जहां महाकाव्य “रामायण” की रचना हुई | ऊंचाई पर स्थित होने के कारण आश्रम तक पहुँचने के लिए आगंतुकों को कुछ सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं, जिन्हें “स्वर्ग की सीढ़ियाँ” भी कहा जाता है, जहां से बिठूर का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है |
ब्रहमवर्त घाट
यह बिठूर के पवित्रतम घाटों में से एक है ,जहां भगवान ब्रहमा के अनुयायी धार्मिक स्नान ग्रहण करने के पश्चात उनकी खड़ाऊँ पहन कर पूजा अर्चना करते हैं |
पत्थर घाट
लाल पत्थर का बना हुआ घाट, जिसकी आधारशिला अवध के तत्कालीन मंत्री (टिकैत राय) ने रखी थी, अतुलनीय कला एवं वास्तु कला का प्रतीक है |यहाँ एक विशाल शिव मंदिर है जिसमें “कसौटी” पत्थर से शिवलिंग की रचना की गई है |
ध्रुव टीला
कथाओं में वर्णित यह वही स्थल है जहां बालक ध्रुव ने एकाकी चित्त हो एक पैर पर खड़े होकर पर साधना की थी | ईश्वर उसकी तपस्या से प्रसन्न हुए, उन्होने न केवल दर्शन दिये बल्कि एक अलौकिक वरदान भी दिया कि वह सदा के लिए आकाश पर एक तारे की भांति चमकेगा |
इनके अतिरिक्त, यहाँ कुछ और दर्शनीय स्थल भी हैं यथा राम जानकी मंदिर, लव कुश मंदिर, हरिधाम आश्रम तथा नाना साहेब स्मारक इत्यादि |
वर्ष भर यहाँ विभिन्न मेले व उत्सव आयोजित किए जाते हैं परंतु पर्यटकों के लिए कार्तिक पूर्णिमा, माघी पूर्णिमा तथा मकर संक्रांति मेला विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण हैं | इन अवसरों पर यहा हजारों की संख्या में श्रद्धालु एकत्र होते हैं तथा गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगा कर पारंपरिक स्नान ग्रहण करते हैं |
वायुमार्ग
यहाँ से निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ का चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो 87 किमी की दूरी पर स्थित है |
रेल
कल्याणपुर निकटतम रेलवे स्टेशन है, परंतु यहाँ केवल पैसेंजर रेलगाड़ियां ही उपलब्ध हैं | बिठूर के लिए कानपुर सेंट्रल ही सर्वाधिक्क उपयुक्त स्टेशन है |
रोड
सड़क मार्ग से कुछ प्रमुख स्थलों की दूरी इस प्रकार है –कानपुर-22 किमी, लखनऊ-109 किमी, आगरा-308 किमी, कन्नौज-103 किमी, संकिसा-166किमी, नई दिल्ली-430 किमी, प्रयागराज-224 किमी, अयोध्या-252 किमी