हवाई अड्डे
- राज्य में छह घरेलू हवाई अड्डे हैं, जो आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ और वाराणसी में स्थित हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, लखनऊ और लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे, वाराणसी से संचालित होती हैं।
- श्रावस्ती और कुशीनगर जिलों में नए हवाई अड्डे प्रस्तावित किए गए हैं। सात प्रस्तावित हवाई अड्डों में से आगरा, प्रयागराज व कानपुर में कार्य पूर्ण हो चुका है | केवल मेरठ मुरादाबाद, अयोध्या व बरेली में कार्य शेष है | इसके अतिरिक्त ग्रेटर नोएडा (जेवर) में भी एक नए हवाई अड्डे का निर्माण कार्य प्रक्रियारत है|
- उत्तर प्रदेश सरकार आगरा और मथुरा के बीच एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा विकसित करने की योजना बना रही है।
- पीपीपी मॉडल पर प्रस्तावित हवाई अड्डे –
- आगरा में डीएमआईसी क्षेत्र के आसपास विमान रखरखाव केंद्र के साथ ड्राई -कार्गो परिवहन की सुविधा प्रदान करना
- पूर्वी उत्तर प्रदेश मेंकुशीनगर में औद्योगिक विकास और पर्यटन को बढ़ावा देना।
स्रोत : * भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण
रेलवे
- उत्तर प्रदेश का रेलवे नेटवर्क देश में सबसे बड़ा है और रेलवे घनत्व लगभग (40 किमी ) है जो राष्ट्रीय औसत 20 किमी प्रति 1000 वर्ग किमी है का दोगुना है ।
- वर्ष 2011-12 के अंत में 8 , 800 किलोमीटर से अधिक के रेलवे नेटवर्क द्वारा राज्य देश के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- रेलवे द्वारा सेवित प्रमुख क्षेत्रों और उद्योगों में कृषि, सीमेंट, उर्वरक, कोयला और विनिर्माण शामिल हैं।
- राज्य के विभिन्न हिस्सों को भारत के 17 रेलवे क्षेत्रों में से पाँच द्वारा पूरा किया जाता है। ये उत्तर रेलवे,उत्तर पूर्व रेलवे,पूर्व मध्य रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे और पश्चिम मध्य रेलवे हैं।
- लखनऊ उत्तरी और पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्य जंक्शन है।
- इंट्रा -राज्य रेल नेटवर्क अच्छी तरह से विकसित है, जो उत्तर प्रदेश के शहरों और जिला मुख्यालयों को जोड़ता है।
- दिल्ली मेट्रो रेल दिल्ली के साथ नोएडा और गाजियाबाद को जोड़ती है।
स्रोत : भारतीय रेलवे, सीएमआईई
सड़कें
- यमुना एक्सप्रेसवे एक छह लेन (आठ लेन तक विस्तारित) , 165 किलोमीटर लंबा है, यह नियंत्रित -पहुंच एक्सप्रेस वे है जोआगरा के साथ ग्रेटर नोएडा को जोड़ता है।
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 302.222 किमी लंबा (06 लेन) तथा भविष्य में 8 लेन तक बढ़ाया जा सकने प्रवेश नियंत्रित (ग्रीनफ़ील्ड) एक्सप्रेसवे है |
- राज्य 48 राष्ट्रीय राजमार्गों के माध्यम से अपने नौ पड़ोसी राज्यों और भारत के अन्य हिस्सों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
- भारत में चलने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई का लगभग 8.5 प्रतिशत हिस्सा राज्य के राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) का हिस्सा है।
सड़क का प्रकार |
सड़क की लम्बाई (कि0मि0) मार्च 2011 तक |
राष्ट्रीय राजमार्ग |
11737 |
राज्य राजमार्ग |
7,325 |
अन्य जिलों की सड़कें |
52,531 |
ग्रामीण सड़कें |
2,59,332 |
कुल सड़क की लम्बाई |
3,36,806 |
स्रोत : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, अर्थशास्त्र और सांख्यिकी निदेशालय, उत्तर प्रदेश सरकार
नोट: एनएचआइ-भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग का नवीनतम डेटा।
ऊर्जा
- उत्तर प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन क्षमता 14,375.3 मेगावाट थी, जिसमें 5,472.2 मेगावाट राज्य की हिस्सेदारी, 5,250.6 मेगावाट की केंद्रीय हिस्सेदारी और 3,652.6 मेगावाट की निजी हिस्सेदारी थी।
- राज्य में स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता 2008-09 में 9,246.7 मेगावाट से बढ़कर वर्ष 2016 से एक नए क्षितिज की ओर उन्मुख है।
- राज्य इनपुट आधारित फ्रेंचाइजी प्रणाली के साथ बिजली क्षेत्र में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को लागू करने और परीक्षण करने की प्रक्रिया में है।
- बशुद्देशीय ऊर्जा परियोजनाओं पर विचार किया जा रहा है | सोनभद्र जिले में डोपहा (3x660MW) और एटा जिले में जवाहरपुर (2x660MW) सक्रिय रूप से विचाराधीन हैं और निर्माणाधीन हैं। अन्य तापीय परियोजनाएं बारा, करछना और यमुना जलमार्ग विद्युत परियोजनाएं हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 10 पनबिजली परियोजनाएँ चल रही हैं।
- गोंडा में 2x250MW क्षमता की थर्मल पावर परियोजना स्थापित की जाएगी।
- सू-काम ने लोहिया आवास परियोजना के तहत बड़े पैमाने पर ग्रामीण विद्युतीकरण करने के लिए परियोजना को हासिल किया जिससे उत्तर प्रदेश में 40,000 ग्रामीण घरों में सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की जा सके ।
- 2019-20 के बजट में, राज्य सरकार ने विभिन्न ऊर्जा योजनाओं के लिए 26,503 करोड का प्रस्ताव दिया।
राज्य के स्वामित्व वाली बिजली कंपनियां
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (यूपीआरवीयूएनएल) |
बिजली उत्पादन (थर्मल) |
उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीजेवीएनएल) |
बिजली उत्पादन (हाइड्रो) |
उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) |
विद्युत पारेषण |
पश्चिमाञ्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) |
विधयुत वितरण |
पूर्वाञ्चल विद्युत वतरण निगम लिमिटेड (पूवीवीएनएल) |
विद्युत वितरण |
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (एमवीवीएनएल) |
विद्युत वितरण |
दक्षिणाञ्चल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) |
विद्युत वितरण |
दूरसंचार
- उत्तर प्रदेश सर्कल में अच्छे दूरसंचार के बुनियादी ढाँचे हैं,जिनमें सभी प्रमुख सेवा प्रदाता राज्य में सेवाएं प्रदान करते हैं।
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टीआरएआइ)के अनुसार, मार्च 2014 तक उत्तर प्रदेश में कुल टेलीकॉम उपभोक्ता बेस 127.1 लाख है, जिसमें लगभग 125.7 लाख वायरलेस उपभोक्ता और 1.3 लाख वायर -लाइन उपभोक्ता शामिल हैं, जिनकी टेली -घनत्व 57.3 प्रतिशत है।
- राज्य में छह क्षेत्रों में विभाजित एक विशाल डाक सर्कल (17 , 667 डाकघर) हैं: प्रयागराज , आगरा, बरेली, गोरखपुर, कानपुर और लखनऊ।
दूरसंचार अवसंरचना
वायरलैस कनैक्शन |
125,737,263 |
वायर लाइन कनैक्शन |
1,343,208 |
ब्रॉडबैंड उपभोक्ता |
612,550* |
डाक घर |
17,667 |
टेलीफ़ोन एक्स्चेंज |
3,213* |
टेली घनत्व (प्रतिशत में) |
57.3 |
स्रोत: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण, दूरसंचार विभाग, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, इंडिया पोस्ट
(http://www.indiapost.gov.in), # उत्तराखंड उत्तराखंड
उत्तर प्रदेश में प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटर
- भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल)
- भारती एयरटेल
- आइडिया सेल्यूलर
- वोडाफ़ोन एस्सार
- एयरसेल लिमिटेड
- रिलायंस कम्युनिकेशन
- टाटा टेलीसर्विसेस
स्रोत: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण