अवसंरचना को वित्तीय समर्थन :-
- यदि औद्योगिक इकाइयां निजी प्रयोग हेतु अवसंरचना विकास के लिए, यथा सड़क, सीवर, जल निकासी, पावर लाइन इत्यादि के निर्माण हेतु ऋण लेती हैं तो उन्हें “अवसंरचना ब्याज अनुवृत्ति” योजना के अंतर्गत ब्याज पर 5% की दर से प्रतिपूर्ति दी जाएगी जो कि अधिकतम 1 करोड़ रू॰ तथा 5 वर्षों के लिए होगी |
- औद्योगिक क्षेत्र अथवा औद्योगिक संपदा के विकासकर्ता को स्टांप शुल्क में 25% की अनुवृत्ति दी जाएगी, इस शर्त के साथ कि औद्योगिक क्षेत्र अथवा औद्योगिक संपदा विकसित कर दी गई हो तथा कम से कम 50% भूमि, क्रय करने की तिथि से तीन वर्ष के भीतर विक्रय की जा चुकी हो |
- भूमि स्थानांतरण शुल्क, उप प्रभागीय शुल्क तथा लगने वाले प्रभार में छूट उन उत्पादन इकाइयों को दी जाएगी जो अपनी अतिरिक्त भूमि पाँच वर्ष बाद ऐसी किसी अन्य संस्था अथवा कंपनी को औद्योगिक प्रयोग हेतु देते हैं जिनमें उनकी कम से कम 51% भागीदारी हो |
- यदि कोई कंपनी अपनी सहायक कंपनी को अपनी भूमि का स्थानांतरण करती है जिसमें उसकी कम से कम 51% हिस्सेदारी हो, तो भूमि स्थानान्तरण हेतु स्टाम्प शुल्क में प्रतिपूर्ति का भुगतान सहायक कंपनी को किया जाएगा बशर्ते उस सहायक कंपनी ने तीन वर्ष के भीतर व्यावसायिक उत्पादन प्रारम्भ कर दिया हो |
नोट : इकाई अनुबंधन विस्तार” का अर्थ उस इकाई से है, जो विस्तार से ठीक पहले भूमि, भवन, प्लांट, मशीनें, अतिरिक्त कल-पुर्जे, तथा पूंजीगत वस्तुओं पर उपरोक्त मदों के न्यूनतम 25% के बराबर निवेश करती है तथा जहां इन्स्टाल की गई क्षमता में विस्तार से पूर्व कम से कम 25% की वृद्धि की जाती हो |
राजकोषीय प्रोत्साहन
- पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश व बुंदेलखंड क्षेत्र में प्रस्तावित औद्योगिक ईकाइयाँ स्थापित करने हेतु भूमि क्रय, अथवा पट्टे पर लेने पर स्टाम्प शुल्क से 100% छूट
- नवीन सूचना प्रौद्योगिकी, जैव-तकनीकी, बी पी ओ, खाद्य प्रसंस्करण, फ़ूड पार्क तथा वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों संबंधी इकाइयां लगाने पर स्टाम्प शुल्क में 100% की छूट
- निजी क्षेत्र में अवसंरचना विकास हेतु स्टाम्प शुल्क में 100% की छूट परंतु इसमें पी पी पी परियोजनाएं सम्मिलित नहीं |
- अन्य नवीन इकाइयों के सरकारी भूमि पर स्थापित किए जाने पर 75% तथा निजी भूमि पर स्थापित किए जाने पर स्टाम्प शुल्क में 50% छूट
- उत्तर प्रदेश वित्त निगम, पिकप अथवा बैंक द्वारा बंद की गई इकाई की सम्पदा के कुर्क किए जाने पर, स्टाम्प शुल्क का निर्धारण सर्किल रेट के बजाए सक्षम अधिकारी द्वारा निर्धारित किए गए विक्रय मूल्य पर लिया जाएगा |
- इनपुट टैक्स वापसी की सुविधा अथवा व्यतिरेक उन उत्पादकों हेतु अनुमन्य होगा जो केन्द्रीय विक्रय कर अधिनियम, 1956 की उप धारा-(3) के तहत भारत से बाहर निर्यात करते हैं
- नई औद्योगिक इकाइयों को 10 वर्ष तक के लिए व मार्गदर्शक औद्योगिक इकाइयों को 15 वर्षों तक विद्युत शुल्क से छूट तथा इकाई को अपने उपभोग हेतु ऊर्जा उत्पादन की छूट
निवेश प्रोत्साहन योजना
- पूर्वाञ्चल, मध्यांचल, बुंदेलखंड तथा सभी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, पशु पालन आधारित इकाइयों, व सूचना प्रौद्योगिकी संबन्धित इकाइयों को स्थापित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन प्राप्त करने हेतु पात्रता की शर्तों में ढील देते हुए इसे 10 करोड़ से 5 करोड़ तक लाया गया, जबकि शेष प्रदेश में भी इसमें ढील देते हुए 25 करोड़ से 12.5 करोड़ पर लाया गया |
- ब्याज मुक्त ऋण जो औद्योगिक इकाई द्वारा भुगतान किए गए वैट तथा केन्द्रीय विक्रय कर के समकक्ष अथवा वार्षिक टर्न ओवर का 10% से,जो भी कम हो, हेतु 10 वर्षों हेतु प्रदान किया जाएगा जिसकी वसूली प्रथम किश्त दिये जाने की तिथि के 7 वर्षों बाद प्रारम्भ होगी |
नवीन पूंजी ब्याज अनुवृत्ति योजना
- पूर्वाञ्चल, मध्यांचल, तथा बुंदेलखंड में स्थापित होने वाली नई औद्योगिक इकाइयों को प्लांट व मशीनरी हेतु लिए गए ऋण के ब्याज पर 5% की प्रतिपूर्ति की जाएगी, यह अधिकतम रू॰ 50 लाख प्रति वर्ष तथा अधिकतम 5 वर्षों हेतु होगी |
- पूर्वाञ्चल, मध्यांचल, तथा बुंदेलखंड में स्थापित होने वाली नई कपड़ा इकाइयों को प्लांट व मशीनरी हेतु लिए गए ऋण के ब्याज पर 5% की प्रतिपूर्ति की जाएगी, यह अधिकतम रू॰ 100 लाख प्रति वर्ष तथा अधिकतम 5 वर्षों हेतु होगी, जबकि यह योजना प्रदेश के अन्य भागों हेतु अधिकतम 50 लाख वार्षिक के रूप में मौजूद है |
औद्योगिक गुणवत्ता विकास अनुवृत्ति योजना
- औद्योगिक संघ, औद्योगिक इकाइयों के समूह को जांच प्रयोगशाला, गुणवत्ता प्रमाणन प्रयोगशाला, उपकरण कक्ष इत्यादि स्थापित करने हेतु लिए गए ऋण पर ब्याज में 5% की प्रतिपूर्ति की जाएगी, ये अधिकतम 1 करोड़ रू॰ व 5 वर्षों के लिए होगी
कर्मचारी भविष्य निधि प्रतिपूर्ति योजना
- रोज़गार के नए अवसर सृजित करने हेतु, यह योजना नई इकाइयों की स्थापना की तिथि के 3 वर्ष पश्चात 3 वर्षों हेतु अपने कर्मचारियों की कर्मचारी भविष्य निधि के योगदान का 50% का प्राविधान स्वयं में समाहित करती है , बशर्ते इकाई 100 से अधिक अकुशल लोगों को रोजगार प्रदान करती हो | .
मेगा परियोजनाओं हेतु विशेष सुविधाएं
- मेगा परियोजनाएं जिनमें 500 करोड़ से अधिक का निवेश हुआ हो, को मामले के आधार पर अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास हेतु विशेष वरीयता दी जाएगी |