उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नई ‘फिल्म नीति’ घोषित की गयी है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की सांस्कृतिक, पौराणिक, ऐतिहासिक विरासत तथा गौरवशाली परंपरा को देश-विदेश में प्रचारित-प्रसारित कर उत्तर प्रदेश की सकारात्मक छवि का प्रक्षेपण एवं विस्तार करना है। इस नीति के अन्तर्गत फिल्म-निर्माण एवं अभिनय से जुडे़ प्रदेश एवं प्रदेश के बाहर के कलाकारों एवं निर्माताओं को बेहतर वातावरण एवं आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जायेंगी।
फिल्म निर्माण से सम्बन्धित समस्त सुविधाएँ एक स्थान पर उपलब्ध कराने हेतु नोडल एजेंसी के रूप में प्रमुख सचिव सूचना की अध्यक्षता में ‘फिल्म बन्धु उ0प्र0’ का गठन किया गया है। फिल्म बन्धु फिल्म-निर्माण के लिए उपयुक्त वातावरण सृजित कर, फिल्म संबधी गतिविधियों को बढ़ावा देकर प्रदेश को फिल्म निर्माण के हब के रुप में विकसित करने का कार्य करेगा।
फिल्मों के वित्त-पोषण के लिए ‘फिल्म विकास निधि’ की स्थापना की गयी है। इस निधि से उत्तर प्रदेश में निर्मित होने वाली क्षेत्रीय एवं हिन्दी फिल्मों को अनुदान, फिल्म को कैरियर बनाने वाले छात्रों को छात्रवृत्ति, अभिनय एवं फिल्म-निर्माण की प्रतिभाओं के विकास, फिल्म उपकरणों की व्यवस्था, फिल्म प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना, फिल्म महोत्सवों के आयोजन, उ0प्र0 में फिल्म-प्रोसेसिंग पर वित्तीय सहायता एवं फिल्म पुरस्कारों आदि के लिए वित्त-पोषण किया जायेगा। ‘फिल्म विकास-निधि’ का संचालन फिल्म बन्धु, उ0प्र0 द्वारा किया जायेगा।
फिल्म क्षेत्र के दीर्घकालिक तथा अर्थपूर्ण विकास के लिए राज्य स्तरीय ‘फिल्म विकास परिषद’ की भी स्थापना की जायेगी। इस परिषद की अध्यक्षता सरकार द्वारा नामित किसी ख्यातिप्राप्त फिल्मी व्यक्तित्व द्वारा की जायेगी। इस परिषद में प्रतिष्ठित फिल्म निर्माता, वितरक, कलाकार और शासकीय अधिकारी होंगे। यह परिषद फिल्मों के विकास के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर विचार-विमर्श करेगी, फिल्मों के विकास के लिए आवश्यक अवस्थापना के उच्चीकरण तथा सृजन पर शासन को परामर्श देगी और फिल्म क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए रणनीति तैयार करेगी।
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