शहर/स्थल मार्गदर्शक

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  • उत्तर प्रदेश – हिन्दू हृदयस्थल, प्राचीन कालीन रहस्य समेटे,स्मारकों की संपदा से लैस, भारत का सशक्त, भव्य, सर्वलौकिक तथा आधुनिक चेहरा, देश की राजनीति, संस्कृति, परंपरा, भाषा तथा धर्म का आदर करने वाला राज्य है। उत्तर प्रदेश भारत के सबसे आकर्षक राज्यों में से एक है।

    उत्तर प्रदेश की आबादी लगभग 167 मिलियन है। साथ ही यह देश के भूमि क्षेत्र के संदर्भ में पांचवा सबसे बड़ा राज्य है। इसका पश्चिमी भाग मुख्यतः नगरीय क्षेत्र है। कृषि, उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख अंग है, जिससे यहां के लगभग तीन चौथाई कामगारों को रोज़गार मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में खाद्य फसल तथा तेल के बीज़ों का विशाल स्तर पर उत्पादन किया जाता है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में मुख्यतः गेहूं, मक्का, जौ, चना, गन्ना व आलू की खेती की जाती है। उत्तर प्रदेश के तीन प्रमुख उद्योग चीनी, सूती कपड़े तथा विविध प्रकार के भोजन है। साथ ही माल वाहक उपकरण, फोटोस्टेट मशीनें, रसायन, पॉलिएस्टर फाईबर तथा स्टील ट्यूब गैल्वेनाइज्ड शीट्स भी उत्तर प्रदेश के प्रमुख उद्योग हैं।

    कथक नृत्य, जो पूरे भारत में प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य है, को उत्तर प्रदेश में फला फूला है |वर्तमान में विदेशों में भी इस नृत्य को सिखाया जाता है, जिसका सबसे बड़ा उदाहरण वेरोनिक अज़ान हैं। ग्रामीण संगीत तथा नृत्य, स्थानीय संस्कृति का एक मुख्य हिस्सा हैं। उत्तर प्रदेश अपने हस्तशिल्प कार्यों जैसे कालीन बुनाई, हस्तमुद्रण, चिकन का कार्य (एक प्रकार की कढ़ाई का कार्य), धातु आवरण, जरी वस्त्र तथा पीतल के कार्य आदि के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके अतिरिक्त भारत में उत्तर प्रदेश के पास पीतल तथा तांबे के बर्तन बनाने का सबसे बड़ा क्षेत्र है।

    उत्तर प्रदेश का इतिहास बहुत प्राचीन एवं रोचक है। वैदिक युग में इसे ब्रह्माऋषि देश अथवा मध्य देश से भी पहचाना गया। वैदिक युग के बहुत से महान ऋषि जैसे भारद्वाज, गौतम, याज्ञवल्क्य, वशिष्ठ, विश्वामित्र तथा वाल्मीकि भी इसी राज्य के थे। आर्यों के विभिन्न पवित्र ग्रंथ भी यहीं पर लिखे गए हैं। भारत के दो श्रेष्ठ महाकाव्य रामायण तथा महाभारत भी इसी प्रदेश से जुड़े हैं।

    छठी शताब्दी, ई0पू0, उत्तर प्रदेश दो नए धर्मों – जैन तथा बौद्ध से जुड़ा। सारनाथ में बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया एवं अपने आदेश की नींव रखी तथा उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुद्ध ने अपनी अंतिम सांसें लीं। उत्तर प्रदेश में विभिन्न स्थलों जैसे अयोध्या, प्रयाग, वाराणसी तथा मथुरा में इन धर्मों के अध्ययन के लिए केंद्र स्थापित किए गए हैं। मध्यकालीन युग में उत्तर प्रदेश पर मुगलों का राज रहा जिससे हिंदू-इस्लाम संस्कृति को एक नई दिशा प्राप्त हुई। रामानंद एवं उनके शिष्य कबीर, तुलसीदास, सूरदास एवं अन्य बुद्धिजीवियों द्वारा हिन्दी तथा अन्य भाषाओं का विकास भी यहीं पर किया गया।

    उत्तर प्रदेश ने ब्रिटिश शासन में भी अपनी बौद्धिक उत्कृष्टता को संरक्षित किया। अंग्रेजों ने आगरा तथा अवध को जोड़ दिया तथा संयुक्त रूप से एक प्रांत घोषित कर दिया एवं उसे नाम दिया संयुक्त प्रांत-आगरा व अवध जिसे वर्ष 1935 में संयुक्त प्रांत नाम में परिवर्तित कर दिया गया। तदोपरांत, वर्ष 1950 में इसका पुनः नामकरण किया गया जिसके पश्चात इसे उत्तर प्रदेश नाम दिया गया।

    उत्तरी दिशा में यह राज्य उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश तथा नेपाल से, पश्चिम में हरियाणा से, दक्षिण में मध्य प्रदेश तथा पूर्व में बिहार से जुड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश को दो विशाल क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है (i)दक्षिणी पहाड़ी तथा (ii) गंगा के मैदान।