उत्तर प्रदेश राज्य में औद्योगिक विकास हेतु सहायता प्रदान करने के लिए 1954 में एसएफसी के अधिनियम 1951 (केन्द्रीय अधिनियम) के तहत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वित्तीय निगम की स्थापना की गई। अपनी स्थापना के बाद से अब तक इस निगम ने लगभग 40000 औद्योगिक इकाइयों को रु.3200 करोड़ का ऋण वितरित किया है तथा उत्तर प्रदेश राज्य में रु.5000 करोड़ के निवेश में योगदान दिया है और 821000 व्यक्तियों के रोजगार सृजन में मदद की है।
वर्तमान में निगम राज्य सरकार की विभिन्न औद्योगिक प्रोत्साहन योजनाओं को लागू करने में व्यस्त है यथा औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन योजना, इन्फ्रास्ट्रक्चर ब्याज सब्सिडी योजना, पूंजी निवेश के लिए ब्याज सब्सिडी योजना, नियंत्रण उपकरण ब्याज सब्सिडी योजना तथा राज्य में औद्योगिक विकास की दिशा में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
राज्य सरकार ने शासन आदेश संख्या 1098/20.1.EUO-143/14 दिनांक 10 जुलाई, 2014 द्वारा निगम को प्रवासी विभाग का कार्य भी निष्पादित करने हेतु नियुक्त किया है, जिसमे उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस का आयोजन भी शामिल है। साथ ही, यूपीएफसी को विदेशों में रोजगार हेतु भर्ती एजेंसी के लिए भी नामित किया गया है तथा यह विदेश मंत्रालय में इमिग्रेशन अधिनियम 1983 के अंतर्गत आर.सी संख्या B-0742/UP/COM/1000+5/9159/2015 (31-03-2026 तक मान्य) द्वारा पंजीकृत है।
यह अवैध भर्ती, प्रवासियों के शोषण जैसी गतिविधियों को रोकने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा तथा यह राज्य और उत्तरी भारत से विदेशों में रोजगार का भी प्रोत्साहन करेगा। यह उत्तरी भारत में एकमात्र राज्य सरकार की एजेंसी है तथा देश में छह राज्य सरकार की एजेंसियों में से एक है जिन्हे भारतीय नर्सों की भर्ती व विदेशों में रोजगार के लिए महिला घरेलू कामगार की भर्ती की अनुमति दी गई है।
प्रवासी विभाग की स्थापना से पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार ने ओवर्सीस रिक्रूटमेंट अजेंसी की स्थापना की नई पहल की (इसके खुद के निगम के ज़रिये (उत्तर प्रदेश वित्तीय निगम)), जिससे राज्य के निवासियों को दुनिया में नाम कमाने में आसानी हो।
भारत के बाहुल्य मानव संसाधन ने इसे स्पृहणीय स्थिति में डाल दिया है। विशेष रूप से उपलब्ध संसाधनों की गुणवत्ता उच्च होती है। उत्तर प्रदेश राज्य में सबसे ज्यादा आबादी है तथा यहाँ बड़ी संख्या में बिजनेस स्कूल, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक संस्थायें, मेडिकल, पैरा मेडिकल, नर्सिंग कॉलेज और आईटीआई हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के व्यावसायिक रूप से योग्य, अर्ध कुशल और अकुशल कार्य बल प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश राज्य ईसीआर देशों में भारत से कुशल और अकुशल कार्य बल की मांग की 30 प्रतिशत पूर्ति करता है। उत्तर प्रदेश के पास आज भी पर्याप्त मात्रा में मानव संसाधन उपलब्ध है, जिससे विश्व स्तर पर मानव संसाधन की कमी को दूर किया जा सकता है।
प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्रालय (प्रोटेक्टर जनरल इमिग्रैंट का कार्यालय) जो अब विदेश मंत्रालय, भारत सरकार है द्वारा उत्तर प्रदेश वित्तीय विभाग को इमिग्रेशन अधिनियम 1983 के अंतर्गत कुशल और अकुशल श्रमिकों, पेशेवरों आदि की विदेशों में भर्ती हेतु पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किया गया है जिसकी संख्या है B-0742/UP/COM/ 1000+/5/9159/2015 है। यह प्रमाणपत्र 31/03/2026 तक मान्य है जिसे अवधि समाप्त होने के 3 महीने पहले नवीनीकृत किया जा सकता है।
निदेशक मंडल :-
S.No. |
Name |
Designation |
1. |
Shri Manoj Kumar Singh, IAS Infrastructure & Industrial Development Commissioner Government of Uttar Pradesh (Nominated by State Govt.) |
Chairman |
2. |
Shri Manish Sinha General Manger, SIDBI |
Director |
3. |
Shri Sachin Singh Asstt. General Manager, SIDBI (Nominated by SIDBI) |
Director |
4. |
Sri Rajneesh Khanna Sr. Div. Manager LIC, (Nominated by LIC) |
Director |
5. |
Sri K. Vijayendra Pandian, I.A.S. Managing Director UPFC, (Appointed by State Govt.) |
Managing Director |